(i) भारत में गरीबी के मूलभूत कारण क्या है, इसके बारे में
आर्थिक संवृद्धि के रिसाव प्रभाव का कम प्रभावी होना- आर्थिक संवृद्धि का तत्पर है G.D.P ( Gross domestic product ) में होने वाली वार्षिक वृद्धि और रिसाव प्रभाव का तात्पर्य है G.D.P में होने वाली वृद्धि का रिस- रिस कर उच्च वर्ग से निम्न वर्ग तक पहुंचना | प्राप्त है जब अमीरों के हाथ में जाती है और वह रिस- रिस कर गरीबों के पास पहुंचती हैतो वह उतनी ही पहुंच पाती है जिससे गरीबों की गरीबी दूर हो सके और
अंततः गरीबी बनी ही रह जाती है |

इसका निम्नलिखित कारण है |
(i) परिसंपत्तियों का दोषपूर्ण वितरण
(ii) जनसंख्या विस्फोट
(iii) मशीनरी द्वारा श्रम का प्रतिस्थापन
(iv) बड़े-बड़े भू स्वामियों ने खेती करने वाले किसानों को बेदखल करके तकनीक द्वारा समय खेती करना |
(v) महंगी तकनीक होने के कारण गरीब किसान का धीरे-धीरे खेती से दूर हटना या होना |
(vi) हरित क्रांति से संपन्न वर्गों के किसानों को लाभ मिलना |
उचित क्रियान्वयन का अभाव- सरकार गरीब को दूर करने के लिए जो नीतियां अपनाई उसका प्रयास सही दिशा में नहीं किया गया जिस कारण गरीबी रुकी रह गई |
(i) गरीब और को समुचित से सिंचाई के साधन, कृषि उपकरण, बीज एवं उर्वरक, डेयरी एवं पशुपालन तथा कुटीर एवं लघु उद्योगों के लिए औजार और प्रशिक्षण के माध्यम से गरीबी दूर करने की नीतियां तो बनाई गई किंतु यह नित्य सही दिशा में लागू नहीं हो पाई |
(ii) सरकार स्वरोजगार उपलब्ध कराने की नीतियां बनाई |
(iii) मजदूरी आधारित रोजगार उपलब्ध कराकर गरीबी को दूर करने का प्रयास |
उपायुक्त सारी नीतियों के माध्यम से सरकार गरीबी दूर करने का प्रयास तो करती है किंतु उचित क्रियान्वयन के अभाव में अभी तक गरीबी दूरी नहीं हो सकी |