संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक ( UN peacekeepers ) के बारे में पूरी जानकारी 2023

संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक ( UN peacekeepers ) के बारे में पूरी जानकारी 2023

संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक ( UN peacekeepers ) के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में 

संदर्भ : –

  • कनाडा और सहयोगी देश , यूक्रेन में शांति स्थापना मिशन ‘ के लिए , चीन को शामिल करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के सदस्यों के बीच सहयोग करने हेतु मिलकर काम करने की योजना बना रहे हैं ।

समय की मांग : –

  • रूस के आक्रमण का विरोध करने वाले देशों को ‘ मानवीय गलियारों ‘ को खुला रखने के लक्ष्य के साथ यूक्रेन में एक शांति मिशन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा से सिफारिश लेनी होगी ।

* संयुक्त राष्ट्र शांति सुरक्षा अभियानों का वित्त पोषण :

  •  द्यपि , शांति सुरक्षा अभियानों को शुरू करने जारी रखने या विस्तार करने के बारे में निर्णय , सुरक्षा परिषद द्वारा लिए जाते हैं , किंतु इन संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों का वित्तपोषण , संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों की सामूहिक जिम्मेदारी होती है ।
  •  संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 17 के प्रावधानों के अनुसार , प्रत्येक सदस्य राष्ट्र शांति अभियानों के लिए निर्धारित राशि का भुगतान करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है ।

वर्ष 2020-2021 के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों हेतु आकलन किए गए योगदान के शीर्ष 5 प्रदाता देश निम्नलिखित हैं :

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका ( 27.89 % )
  2.  चीन ( 15.21 % )
  3. जापान ( 8.56 % )
  4. जर्मनी ( 6.09 % )
  5. यूनाइटेड किंगडम ( 5.79 % )

‘ शांति अभियान ‘ क्या है ?

  •  संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान ( UN Peacekeeping ) , ‘ डिपार्टमेंट ऑफ़ पीस ऑपरेशन ‘ तथा ‘ डिपार्टमेंट ऑफ़ ऑपरेशनल सपोर्ट ‘ का एक संयुक्त प्रयास है ।
  • प्रत्येक ‘ शांति सुरक्षा अभियान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा मंजूरी प्रदान की जाती है ।

संरचना :

  • संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षकों में सैनिक , पुलिस अधिकारी और नागरिक कर्मी सम्मिलित हो सकते हैं ।
  • सदस्य देशों द्वारा स्वैच्छिक आधार पर शांति सैनिको का योगदान दिया जाता है ।
  • शांति अभियानों के नागरिक कर्मचारी , अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवक होते हैं , जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सचिवालय द्वारा भर्ती और तैनात किया जाता है ।

✓ संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान तीन बुनियादी सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होते है :

  1.   पक्षकारों की सहमति
  2. निष्पक्षता
  3.  अधिदेश की सुरक्षा और आत्मरक्षा के अलावा बल प्रयोग नहीं किया जाएगा ।

 

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