जादुई झाडू | Jadui Jhadu | Jadui Kahani | हिंदी कहानियां 2024

जादुई झाडू | Jadui Jhadu | Jadui Kahani | हिंदी कहानियां | Hindi Kahaniya | Moral Stories.

राधा के पैदा होते ही उसकी मां का देहांत हो गया था घर के सभी लोग उसकी मां के मरने का कारण मानते थे और उससे बहुत बुरा व्यवहार करते थे राधा जब थोड़ी बड़ी हुई तो उसे घर का सारा काम करवाया जाने लगा और उसे स्कूल भी नहीं जाने देते थे और जब राधा के पिता ने दूसरी शादी कर ली तो राधा को दुख और बढ़ गए थे राधा के सौतेली बहन और सौतेला भाई स्कूल भी जाते थे उन्हें बहुत अच्छे से और बहुत प्यार से घर में पाला जाता था इरादा बहुत दुखी रहते थे एक दे दादा ने अपने पापा से कहा पापा मैं भी पढ़ना चाहती हूं

तू क्या करेगी पढ़कर और तू स्कूल जाएगी तो घर का काम कौन करेगा दोबारा स्कूल जाने की बात मत करना जा झाड़ू लगा राधा रोते-रोते झाड़ू लगाने लगे उस दिन खाना भी नहीं खाते और अपनी मां के फोटो के आगे देर में रोती रहती है कोई राधा से खाने को भी नहीं पूछता सुबह सौतेली मां की चिल्लाने की आवाज आती है कहां मर गई राधा अभी तक क्यों नहीं उठी जल्दी से उठ

राधा घबरा कर उठते हैं उठ जल्दी से घर के आंगन में पहुंच जाते हैं क्या हुआ मां तूने कल घर के झाड़ू तोड़कर कहां फेंक दी मां मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया कामचोर तुझे झाड़ू ना लगाना पड़े इसलिए तूने झाड़ू तोड़ दी चल जाए अभी नहीं झाड़ू लेकर आ राधा पार्क के बाजार जाते एक नई झाड़ू खरीद कर लाती है घर आ करो जानू कोने में रख देती है और पानी पीने जाती है जैसे पानी पीकर आती है देखते हैं कि झाड़ू लग चुकी होती है

यह देख कर हैरान हो जाते हैं कितनी जल्दी घर के सफाई कैसे हो गई अरे राधा झाड़ू लेकर आई या नहीं घर की सफाई होगी कि नहीं कितना कहते-कहते किचन से बाहर आती है तो देखती है कि पूरा घर साफ है आश्चर्य में पड़ जाते हैं कितनी जल्दी राधा ने पूरा घर साफ कैसे कर दिया चल ठीक है सफाई हो गई जाकर कपड़े धो क्या कपड़े धोने जाती है और जैसे ही वह कपड़े धोने बैठती है तो देखती है कि झाड़ी उसके बगल में रखी है और वह वापस झाड़ू के उसी जगह पर रख आती है थोड़ी देर बाद फिर देखती है कि झाड़ उसके बगल में रखी है फिर वापस जाते हैं

और उसके जगह पर रख देते हैं लेकिन जैसे ही वह वापस आते हैं देखती है कि कपड़े धोकर रस्सी सुख रहे होते  हैं उसकी   कुछ समझ में नहीं आता किए आखिर हो क्या रहा की आखिर हो क्या रहा है राधा डांस और मार के डर से किसी को कुछ नहीं कहती है वजह जहां जाती है घर में झाड़ू उसके पास आकर खड़ी हो जाती है फिर उसे लगने लगता है कि झाड़ू में ही कुछ गड़बड़ है और डर के मारे उसे बाहर फेंक आती है लेकिन घर में जैसे ही वापस आती है वे झाड़ू उसके घर में फिर मिलती है डर के मारे से रात भर नींद नहीं आती थोड़ी देर बाद किसी की आवाज सुनाई देती है कौन है ए किसकी आवाज़ है राधा मैं तुम्हारी मां हूं कौन मां राधा मैं तुम्हारी मरी हुई मां हूं अपनी मां की आवाज सुनकर राधा रोने लगती है

और अपनी दुख अपनी मां को सुनाती है मुझसे सब पता है राधा लेकिन मैं अभी सब ठीक कर दूंगी और झाड़ू तुम्हारा हर काम में सहायता करेगी अगले दिन से राधा को घर में कोई काम नहीं करना पड़ता सारा काम झाड़ू कर देती है राधा को यह सब बहुत देख कर बहुत खुशी होती है राधा के सौतेली मां ऐसा देखकर हैरान हो जाती है कि इतनी सी छोटी सी बच्ची इतने जल्दी से घर के काम कैसे कर रही है उसका तक बढ़ता ही जाता है और और राधा पर नजर रखने लगती है एक रात में राधा को किसी से बात करते तो लेते हैं पर उससे दिखाई नहीं देता कि राधा किससे बात कर रही है
दूसरे दिन में राधा को बहुत आती है और मारती है यह बताने के लिए कि वह किस से बात कर रही थी और घर में क्या हो रहा है राधा उसकी सौतेली मां को कुछ नहीं बताते हैं लेकिन रात को अपनी मां को सब कुछ बताते और बहुत रोती है कि मुझे आज तो तेरी मां ने बहुत मारा राधा को मां को बहुत गुस्सा आता है और वे झाड़ू से कहते हैं कि और जाओ और अपना काम करके आओ झाड़ू जाती हो रात के राधा को सौतेली मां को बहुत पिटाई लगाती है सौतेली मां मार खाकर बहुत चिल्लाते पर किसी को भी झाड़ू दिखाई नहीं देते क्या हो रहा है सब पूछते हैं कि क्या हो रहा है

क्यों चिल्ला रही हो वह कहती है कि मुझे झाड़ू मार रहे हैं पर किसी को भी झाड़ू नहीं दिखाई देती अब रोज रात को यही होता है तो तेरी मां को रोज पिटाई होने लगी थी सबको लगने लगा था कि सौतेली मां पागल हो गई थी राधा के पापा ने उस उसका इलाज करवाना शुरू किया था लेकिन इसके रोज रात को पिटाई होना बंद नहीं हो रही थी बहुत इलाज करवाने का बाद भी जब सुधार नहीं हुआ तो राधा को पापा ने पागलखाने में भर्ती करवा दिया

हां सौतेली मां का सपने में राधा की मां और बोला कि तू मेरी बेटी को बहुत परेशान करती है इसलिए मैं आज तुम्हें ऐसी हालत कर दी है अगर तुम मेरी बेटी से माफी मांगी और यह वादा करो कि कि कभी भी उसे परेशान नहीं करेगी मारोगे नहीं तो मैं तुम्हारा पीछा छोड़ दूंगी और तूने घर वापस भिजवा दूंगी सौतेली मां माफी मांगती है और वादा करती है कि मैं अपने बच्चे की तरह ही राधा को पालूंगी दूसरे दिन डॉक्टर राधा के पापा को बुलाकर कहते हैं

कि राधा की मां ठीक हो चुकी है इनको आप घर ले जा सकते हो सौतेली मां घर आ जाते हैं और राधा को अपने बच्चे की तरह पालने लगती है और स्कूल भी भेजने लगती है राधा समझ जाती है कि यह सब क्यों हो रहा है खूब मन लगाकर पढ़ाई करते हैं और मन ही मन अपने मां को धन्यवाद देती है /

 ऐसा करने से बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव … तुलना दूसरे बच्चों से कभी नहीं करनी चाहिए. … है वो आपका सम्मान करना भी छोड़ दें.

 

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