Atom Bomb – परमाणु बम, एटम बम, न्यूक्लियर हथियार के बारे में 2023

Atom Bomb – परमाणु बम, एटम बम, न्यूक्लियर हथियार के बारे में 2023

Atom Bomb – परमाणु बम, एटम बम, न्यूक्लियर हथियार के बारे में !! 

परमाणु बम के विस्फोट का फोटो
हमने हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमले की भयानक जानकारी पेश की थी. किए हुए वादे के अनुसार आज मैं आपको एटम बम, परमाणु बम, न्यूक्लियर वैपन्स, नाभिकीय हथियार etc. सबके बारे में डिलेट में जानकारी और कुछ खौफनाक सवालों के जवाब देने वाला हूँ.

  1.  परमाणु बम की ताकत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि यदि 15 किलोटन के 100 परमाणु बमों का इस्तेमाल धरती पर हो जाए तो आसमान में काला धुंआ छा जाएगा, सूरज की रोशनी ठीक से धरती पर नही पहुंच पाएगी, आधी ओजोन लेयर खत्म हो जाएगी और ऐसी बीमारियों का जन्म हो जाएगा जिनकी हम कल्पना भी नही कर सकते।
  2.  परमाणु बम का आविष्कार द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मैनहट्टन प्रोजेक्ट में काम करने वाले वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था. ‘Robert Oppenheimer’ इस प्रोजेक्ट के डाॅयरेक्टर थे इन्हें ‘परमाणु बम का पिता’ भी कहा जाता है।
  3. पहला परमाणु बम परीक्षण 16 July, 1945 को सुबह साढे पांच बजे न्यू मैक्सिकों के अलमोगार्डो में किया गया था. इस बम को ‘The Gadget’ नाम दिया गया था. इसमें 20 किलोटन TNT का प्रयोग किया गया था जिससे धमाका होने पर 600 मीटर ऊंची मशरूम जैसी आकृति बनी थी. यानि एफिल टॉवर से दोगुनी ऊंची।
  4.  जो मिसाइल परमाणु हथियारों को ले जाने का कार्य करती है उनकी स्पीड 7 किलोमीटर प्रति सेकंड होती है. यानि, 400km/minute. जिसका मतलब है दिल्ली से लाहौर सिर्फ एक मिनट में।
  5.  इस समय दुनिया के नौ देशों के पास लगभग 14,900 से ज्यादा परमाणु हथियार है. इनमें से 93% रूस और अमेरिका के पास है. ये पूरी मानव जाति को कई बार खत्म करने में सक्षम है।
  6.  किसी और देश के मुकाबले रूस के पास सबसे ज्यादा लगभग 7000 परमाणु बम है. इसके बाद अमेरिका (6800), फ्रांस (300), चीन (260), इंग्लैड (215), पाकिस्तान (120-130), भारत (110-120), इजरायल (80) और नार्थ कोरिया (10 से कम) का नंबर आता है।
  7.  न्यू मैक्सिकों में जहाँ दुनिया के पहले परमाणु बम का परीक्षण किया गया था आज उस जगह पर परमाणु बम संग्रहालय बना हुआ है. ‘ट्रिनिटी साइट’ नाम से मशहूर यह म्यूजियम साल में केवल 12 घंटे खुलता है. एक बार अप्रैल के पहले शनिवार को और एक बार अक्टूबर के पहले शनिवार को. इसकी खुलने की टाइमिंग 8am से 2pm है।
  8.  1950 के आस-पास परमाणु बमों का परीक्षण करना ‘लाॅस वेगास’ शहर के पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन गया था. मेन सिटी से 80 किलोमीटर दूर ये परीक्षण किए जाते थे. पूरे शहर में परमाणु बम की मशरूम जैसी आकृति देखकर पार्टियाँ मनाई जाती थी. इसके चलते लाॅस वेगास शहर को ‘Atomic City’ भी कहा जाने लगा था।
  9.  अमेरिका परमाणु हथियार बनाने वाला पहला देश है. यह एकमात्र ऐसा देश भी है जिसने युद्ध के लिए परमाणु बम का इस्तेमाल किया है. यह अकेला अपने परमाणु हथियारों पर सभी देशों द्वारा मिलाकर किए गए कुल खर्च से भी ज्यादा खर्च करता है।
  10.  शीत युद्ध के दौरान अमेरिका ने एक एटम बम चंद्रमा पर गिराने की भी सोची थी ताकि वे अपनी सेना की शक्ति का प्रदर्शन कर सके।
  11.  1958 में, संयुक्त राज्य अमेरिका का एक न्यूक्लियर बम जाॅर्जिया के समुंद्र तट पर खो गया था. यह 2016 में कुछ पर्यटक गोतोखोरों को मिल गया. उन्होनें तुरंत 911 पर काॅल करके इस 3.9 मेगाटन के बम को डिफ्यूज करवा दिया।
  12.  5,00,00,00,000 किलोग्राम के परमाणु बम में इतनी विस्फोटक शक्ति होती है जितनी पूरे दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान प्रयोग की गई थी।
  13. एक बड़े पैमाने की परमाणु लड़ाई होने से 150 मिलियन टन धुंआ वातावरण में फैल जाएगा. जिसकी वजह से शीत युग से भी अधिक ठंड हो जाएगी।
  14.  सीटी स्कैन कराने से आपके शरीर पर रेडियोएक्टिव रेडिएशन का उतना ही प्रभाव पड़ता है जितना हिरोशिमा विस्फोट के समय डेढ किलोमीटर दूर खड़े आदमी के शरीर पर पड़ा था. एक सीटी स्कैन से हमारे शरीर में 1-10 millisieversts तक रेडिएशन पहुंचती है।
  15.  धरती पर कुछ ऐसे जीव भी है जिन पर परमाणु बम का बहुत कम प्रभाव पड़ेगा. इस लिस्ट में सबसे ऊपर नंबर आता है कॉक्रोच का. ऐसा माना जाता है कि हिरोशिमा में जहां बम गिरा था, वहां से कुछ ही दूरी पर कॉक्रोच जिंदा मिले थे. क्योंकि कॉक्रोच इंसानों से कई गुना रेडिएशन को बड़ी आराम से सह लेते हैं. कॉक्रोच के बाद जो बच सकता है, वह है चींटी।
  16.  परमाणु बम से बचने के उपाय यही है कि इनका असली हमला शहरों पर होगा, ऐसे में माना जाता है कि कुछ कम जनजाति वाली जगहों पर बम का असर देखने को नहीं मिलेगा. इस सूची में स्विट्ज़रलैंड, न्यूजीलैंड, भूटान, चिली, आइस्लैण्ड, आयरलैंड जैसे देश आते हैं. इन देशों में जनसंख्या कम है, सबसे अहम बात यह है कि यह देश पहाड़ो से भरे हैं,

रोचक तथ्य:
इसलिए लोग पहाड़ो में जाकर शरण ले सकते हैं. उम्मीदें तो कम है, फिर भी इन देशों में कुछ की जान शायद बच जाए।

नोट – भारत परमाणु समपन्न देश बना था 11 मई 1998 को दोपहर 3:45 बजे. जब पोखरण में सफलतापूर्वक 3 बम टेस्ट किए किए गए. आपको बता दें कि अमेरिका जैसे देश नहीं चाहते थे कि परमाणु बम भारत कभी बनाए. लेकिन भारत ने दुनिया के ऊपर से होकर परमाणु हथियार बनाए जिसके बाद अमेरिका ने भारत पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए थे. इस पर जॉन अब्रहिम की एक फिल्म भी है: पोखरण।

परमाणु बम कितनी range तक आवाज पैदा कर सकते है ?

उत्तर – परमाणु बम इतनी आवाज पैदा कर सकते है कि हमारे कानों के पर्दे फट जाए. परमाणु विस्फोट की तरंगे सुपरसोनिक होती है. यदि आप हमले वाली जगह पर ठीक बीच में खड़े हो तो धमाके की आवाज सुनने से पहले ही आपकी मौत हो जाएगी. परमाणु बम 240 से 280 dB range तक की आवाज पैदा कर सकते है जबकि इंसान के कान सिर्फ 120 dB तक की आवाज सुन सकते है. धरती पर सबसे ज्यादा आवाज परमाणु बम ही करते है इसके बाद ज्वालामुखी का नंबर आता है।

क्या परमाणु बम भी Expire होते है ?

उत्तर – हाँ, परमाणु बम भी एक्सपायर होते है. लगभग सबकुछ जो मानव निर्मित है उसकी एक समय सीमा होती है. परमाणु बमों की समाप्ति तारीख इस चीज पर निर्भर करती है कि इसमें किस पदार्थ का प्रयोग किया गया है. इसमें प्रयोग किए गए पदार्थों को हाफ लाइफ के बाद बदलना होता है जैसे ट्रिटियम की हाफ लाइफ 12.3 साल, प्लूटोनियम की 24,100 साल, यूरेनियम की 4 अरब साल और थोरियम की 14 अरब साल होती है. समय-समय पर कुशल इंजीनियर इन्हें देखते रहते है और जिस चीज में थोड़ा-सा भी डिफेक्ट मिलता है उसे बदल देते है।

यदि पानी के अंदर एटम बम फोड़ दिया जाए तो क्या होगा ?

उत्तर – पानी की सत्तह के नीचे होने वाले परमाणु विस्फोट को “UNDEX” कहा जाता है. पानी के भीतर परमाणु बम का प्रभाव कितना होगा ये कई चीजों पर निर्भर करता है, जिसमें विस्फोट से दूरी, विस्फोट की ऊर्जा, विस्फोट की गहराई और पानी की गहराई शामिल है. यदि पानी में परमाणु बम फोड़ दिया जाए तो आसपास के सारे तटीय जीव मर जाएंगे और काफी रेडियोधर्मी तत्व पानी में मिल जाएंगे. पानी के अंदर विस्फोट से उठने वाली तरंगे और सुनामी या भूकंप के दौरान उठने वाली तरंगे अलग-अलग होती है।

यदि आइंस्टीन पैदा नही होते तो क्या फिर भी हमारे पास परमाणु हथियार होते ?

उत्तर – परमाणु बम की खोज किसने की या परमाणु बम किसने बनाया इसका जिक्र हम 2nd प्वॉइंट में कर चुके है अब बात करते है अल्बर्ट आइंस्टीन की. अगर बीसवीं सदी के सबसे प्रसिद्द वैज्ञानिक आइंस्टीन कभी जन्मे ना होते तो हमारे पास परमाणु हथियार नही रहते, यह केवल एक मिथ है. क्योंकि विकास कभी रूकता नही है. आइंस्टीन को अगर हम किसी भी तरीके से इतिहास से गायब कर दें तो बहुत कम नाभिकीय हथियार प्रभावित होंगे क्योंकि वे नाभिकीय हथियारों के कोई मुख्य कर्ता-धर्ता नहीं थे. ये मिथ इसलिए पैदा हुआ, क्योंकि उस समय आइंस्टीन की इक्वेशन E=mc2 ज्यादा प्रसिद्ध थी और ज्यादातर लोग इसी सूत्र को नाभिकीय हथियारों को बनाने में मुख्य मानने लगे थे. उन्होनें ऊर्जा के बारे में जरूर लिखा परन्तु निर्मित करने की थ्योरी नहीं दी जिससे स्पष्ट है कि नाभिकीय हथियारों के उत्पादन से उनका कोई भी सीधा रिश्ता था ही नहीं।

❝ इसलिए लोग पहाड़ो में जाकर शरण ले सकते हैं. उम्मीदें तो कम है, फिर भी इन देशों में कुछ की जान शायद बच जाए।

 

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