Hindi poetry (हिंदी शायरी):छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे,
ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे,
दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है,
जख़्म से टीस उठे तो तुमको पुकारूं कैसे,
मेरे जज़्बातों को मेरी इन आंखों में पढ़ो,
अब तेरे सामने मैं आंसू भी बहाऊं कैसे,
इश्क तुमसे किया, जमाने का सितम भी सहा,
फिर भी तुम दूर हो हमसे, ये जताऊं कैसे |

हालातों को न बदलें
खुद को बदलें,
हालात आपने आप बदल जाएँगे !!
हर बात दिल पर लेते रहोगे
तो रोते रह जाओगे
अब जैसे के साथ वैसा बनना सिखो..!
मंजिल तो
मिल जाने दो
जवाब भी देंगे और
हिसाब भी करेंगे…
बरसात गिरी और कानों
में इतना कह गई कि गर्मी किसी
की भी हो हमेशा नहीं रहती..!!
जिसमें नुकसान सहने की ताक़त हो
असल में वही मुनाफा कमा सकता हैं,
फिर चाहे वो कारोबार हो या रिश्ता।
Dayanand Sir की सलाह-
हर चीज़ की क़ीमत इंसान को
दो परिस्थितियों में समझ आती हैं,
उस चीज़ को पाने से पहले और उस
चीज़ को खोने के बाद इसलिए चीज़ों
की कद्र करें जब वो आपके पास हों।
खोजिए, सपने देखिए, पता लगाइए।
अबसे 20 साल बाद आपको आपकी
की गई चीजों से अधिक वह चीजें
परेशान करेगी जो आपने नहीं की।
इसलिए सुरक्षा घेरे से बाहर निकलिए,
जीवन को खुलकर जीने का प्रयास कीजिए।
By: Dayanand Sir Alias Deepak Sir