Hindi Story (हिंदी कहानी:): परिस्थितियों को दोष देना 

Hindi Story (हिंदी कहानी:): परिस्थितियों को दोष देना 

काफी समय पहले की बात है दोस्तों एक आदमी रेगिस्तान में फंस गया था

वह मन ही मन अपने आप को बोल रहा था कि यह कितनी अच्छी और सुंदर जगह है,

गर यहां पर पानी होता तो यहां पर कितने अच्छे-अच्छे पेड़ उग रहे होते,

और यहां पर कितने लोग घूमने आना चाहते होंगे मतलब ब्लेम कर रहा था |

कि यह होता तो वो होता और वो होता तो शायद ऐसा होता |

ऊपरवाला देख रहा था अब उस इंसान ने सोचा यहां पर पानी नहीं दिख रहा है,

उसको थोड़ी देर आगे जाने के बाद उसको एक कुआं दिखाई दिया जो कि

पानी से लबालब भरा हुआ था काफी देर तक विचार-विमर्श करता रहा खुद से

फिर बाद उसको वहां पर एक रस्सी और बाल्टी  दिखाई दी  इसके बाद कहीं से एक पर्ची उड़ के आती है जिस पर्ची में लिखा हुआ था कि तुमने कहा था कि यहां पर पानी का कोई स्त्रोत  नहीं है अब तुम्हारे पास पानी का स्रोत भी है अगर तुम चाहते हो तो यहां पर पौधे लगा सकते हो
वह चला गया दोस्तों

स कहानी में तो यही लगता है कि कुछ लोग सिर्फ परिस्थिति को दोष देना जानते हैं, अगर उनके पास उपयुक्त स्रोत हो तो वह परिस्थिति को नहीं बदल सकते सिर्फ वह ब्लेम करना जानते हैं लेकिन हमे ऐसा नहीं बनना है दोस्तों |

इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि अगर आप चाहते हो कि परिस्थितियां बदले और आपको अगर उसके लिए उपयुक्त साधन मिल जाए तो आप अपना एक परसेंट योगदान तो दे ही सकते हैं…!

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