Historical Sources – तेलुगु साहित्य के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में
दूसरी शताब्दी ईस्वी के शिलालेखों में स्थान के नाम तेलुगु की प्राचीनता का सुझाव देते हैं, जबकि 5 वीं -6 वीं शताब्दी ईस्वी सन् के अभिलेख प्राचीन काल के शास्त्रीय रूप को आकार देने को दर्शाते हैं। भाषा: हिन्दी।
तेलुगु साहित्य का सबसे पुराना जीवित कार्य नन्नया की 11 वीं शताब्दी में महाभारत की पहली ढाई पुस्तकों को मिश्रित पद्य और गद्य में प्रस्तुत करना है।
नन्नया ने तेलुगु काव्य शैली की नींव रखी, और तेलुगु परंपरा ने उन्हें वागनुशासानुंडु (भाषण के निर्माता) की उपाधि दी।
नेल्लोर क्षेत्र में स्थित एक शासक मनुमसिद्धि के दरबार से जुड़े मंत्री टिक्काना ने नन्नया के महाभारत में 15 पर्व जोड़े और कथा शैली में नए रुझान स्थापित किए। उन्होंने उत्तररामायणमु नामक एक रचना की भी रचना की।
14 वीं शताब्दी में काकतीय काल के दौरान तेलुगु साहित्य परिपक्वता के स्तर पर पहुंच गया और विजयनगर राजा कृष्णदेवराय (1509-29 सीई) के शासनकाल के दौरान इसकी उच्चतम उपलब्धि थी।