Historical Sources PURANAS (पुराण) – ‘पुराण’ शब्द का अर्थ है ‘पुराना’।
- पुराणों की रचना व्यास ने की थी।
- 18 महापुराण (महान पुराण) और कई और उपपुराण (द्वितीयक पुराण) हैं।
- 18 महापुराणों की मानक सूची में विष्णु, नारद, भागवत, गरुड़, पद्म, वराह, मत्स्य, कुर्मा, लिंग, शिव, स्कंद, अग्नि, ब्रह्माण्ड, ब्रह्मवैवर्त, मार्कंडेय, भविष्य, वामन और ब्रह्मा शामिल हैं।
- पुराणों की उत्पत्ति कुछ हद तक वेदों के साथ अतिच्छादित हो सकती है, लेकिन उनकी रचना 4-5वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व तक फैली हुई है, और कुछ मामलों में, बाद में भी।
पुराणों में पाँच विशेषताएँ (पंच-लक्षण) माना जाता है, अर्थात,
वे पाँच विषयों पर चर्चा करने वाले हैं-
- संसार की रचना (सरगा)
- पुन: निर्माण (प्रतिसर्ग)
- विभिन्न मनुओं की अवधि
- देवताओं और ऋषियों की वंशावली और
- सूर्यवंशी और चंद्रवंशी राजाओं सहित शाही राजवंशों का विवरण, जिनकी उत्पत्ति सूर्य और चंद्रमा से हुई है।