interesting fact – अपना सिर काटकर देने वाली रानी कौन थी

interesting fact – ये कहानी 17 शताब्दी की है जब मेवाड़ पर महाराणा राजसिंह का शासन था जिनके सामंत सलूंबर के राव चूंडावत रतनसिंह थे। रतन सिंह
की शादी उसी दौरान हांडी रानी से हुई।

भी शादी के कुछ दिन हुए थे कि चूंडावत रतनसिंह
को महाराजा राजसिंह का संदेश मिला जिसमें रतनसिंह को दिल्ली से आ रही औरंगजेब को सेना
को किसी भी तरह रोकने का आदेश था।

सके बाद रतनसिंह सेना के साथ महल से निकले लेकिन उनका ध्यान अभी तक रानी की तरफ ही था रतन सिंह ने एक सेवक को रानी के पास भेजा और
मोहवश रानी से उसकी एक निशानी मांगी।

रानी ने सोचा ठाकुर युद्ध में मेरे मोह के कारण नहीं
लड़ेगे अतः रानी ने निशानी के लिए अपना सर काट कर दे दिया। रतन सिंह ने उसका शीश गले में लटका औरंगजेब की सेना से भयंकर युद्ध किया

तन सिंह युद्ध में लड़ते लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। इसके साथ ही हांडी रानी इतिहास में अमर हो गई इसके बारे में कहा जाता है।”चुंडावत
मांगे सेनानी, सिर काट दे दियो क्षत्रानी”.

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