Life Quotes –
घुटन सी होने लगी उस के पास जाते हुए
मैं ख़ुद से रूठ गया हूँ उसे मनाते हुए
ये ज़ख़्म ज़ख़्म मनाज़िर लहू लहू चेहरे
कहाँ चले गए वो लोग हँसते गाते हुए
न जाने ख़त्म हुई कब हमारी आज़ादी
तअल्लुक़ात की पाबंदियाँ निभाते हुए
है अब भी बिस्तर-ए-जाँ पर तिरे बदन की शिकन
मैं ख़ुद ही मिटने लगा हूँ उसे मिटाते हुए
तुम्हारे आने की उम्मीद बर नहीं आती
मैं राख होने लगा हूँ दिए जलाते हुए ||
रिश्ता चाहे इस धरती पर कोई भी हो,
सबका सिर्फ एक ही पासवर्ड है.
भरोसा..
By: Dayanand Sir Alias Deepak Sir