(मां के लिए दो शब्द)
चिता को जलते हुए, कल मैंने भी देखा है।
आशु भी बहते हुए, अपनों के लिए देखा है।
पल भर में दूर चले जाते है,
वो, फिर कभी लौटकर नहीं आने वाले मैंने भी कल देखा है।
बस याद आया करते है वो, आंखों में आशु दे जया करते है।
कभी जिसे याद कर मुसुकुराया करते थे, वो आज आंखो में आंसु दे जया करते हैं।
जो हमे चलना सिखाया करती थीं, आज खुद ही चली गई।
जो हमे हसना सिखाया करती थी, आज वही रुला के चली गई।
जो हमेशा दिल से लगाकर रखती थी, आज वही छोड़कर चली गई।
ये मां तू नहीं है फिर भी याद तेरी रही गई।
जाते जाते हमे भी ले जाती बस यही तम्मना थी, हे मां आप अपने बेटे को क्यों छोड़कर चली गई।
एक सत्य: इस संसार में जो भी आया सबको जाना है। आप सभी से रिश्ता बनाए रखें। क्योंकी
जीवन घर से (जन्म) घाट (मृत्यु) तक ही होता है।